मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

हंगरी में हिन्दी दिवस

विजया  सती 


चार फरवरी को बुदापैश्त में भारतीय दूतावास के नवनिर्मित सांस्कृतिक केंद्र में हिन्दी दिवस समारोह मनाया गया,जिसमें प्रमुख रूप से ऐलते विश्वविद्यालय के भारोपीय भाषा विभाग के छात्रों ने भाग लिया.
राजदूत श्री गौरी शंकर गुप्त जी की उपस्थिति में कार्यक्रम का आरम्भ गणेश वन्दना से हुआ.राजदूत महोदय ने हिन्दी के शब्द-संसार,उसके उच्चारण की विशेषता के साथ विश्व में हिन्दी की उपस्थिति का रेखांकन किया.इस अवसर पर उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह जी के सन्देश को भी पढ़ा.
इस अभिभाषण के बाद ऐलते विश्वविद्यालय में हिन्दी की विजिटिंग प्रोफ़ेसर डॉ विजया सती ने अपना परिचय देते हुए अपनी कविता के माध्यम से भाषा की उस ताकत को रेखांकित किया जो व्यक्ति को व्यक्ति और समाज से सहज ही जोड़ देती है.
कार्यक्रम का संचालन क्रिस्तीना और शागी पैतेर ने किया तथा दानियल बलोग ने अनुवादक की भूमिका निभाई.
हंगरी में हिन्दी की मशाल को अनवरत जलाए रखने को समर्पित डॉ मारिया नेज्येशी ने भारोपीय विभाग की भित्ति पत्रिका 'प्रयास' की प्रति राजदूत महोदय को भेंट की,इसके साथ ही उन्होंने हिन्दी दिवस से सम्बद्ध पिछले पंद्रह वर्षों के कार्यों की सी डी भी उन्हें भेंट की.
हंगरी में भारतीय समाज तथा भारतीय दूतावास की महिलाओं ने भारत के विभिन्न प्रान्तों की वेशभूषा पहन कर मस्ती भरा गीत - जिन्दगी एक सफ़र है सुहाना,यहाँ कल क्या ह़ो किसने जाना- प्रस्तुत किया,जिसे बहुत सराहना मिली.दो हंगेरियन बालाओं ने भरतनाट्यम की सुन्दर प्रस्तुति दी.श्रीमती युदित कोहुत ने गीतांजलि से कविता पाठ किया.दियाना तुरि ने कुंवर नारायण की कविता 'लापता का हुलिया', यूलिया इजाक ने  'पत्थर', रसिका न्यिस्तोर ने  'नाव में नदिया' ब्लांका वेगहैयी ने अज्ञेय की दो कविताओं -'चिड़िया की कहानी' और 'मैंने देखा एक बूँद' का पाठ किया.पैतेर सालैर ने सधे हुए स्वर में हंगरी के कवि चोकोनई की 'शपथ' कविता का पाठ किया.
दूतावास के नन्हे बालक हर्ष ने 'कदम कदम बढाए जा' गीत गर्मजोशी से गाया.दूतावास से ही श्री यशपाल जी ने मधुर स्वर में 'धरती की बेचैनी केवल बादल समझता है' गीत गाया.संजू जोन ने भी गीत प्रस्तुत किया.
कार्यक्रम के उस समूह नृत्य को बहुत सराहा गया जो बोलीवुड डांस के रूप में दो गीतों पर किया गया. 
अभी कार्यक्रम का रोचक अंश बाकी था,जो दो नाटकों की मंच प्रस्तुति से सम्बन्ध रखता है.पहला नाटक था - 'बुदा में कुत्तों का बाज़ार सिर्फ एक बार' और दूसरा 'चालाक नौकर'.नाटक में सात छात्रों का अभिनय देखते ही बनता था.
कार्यक्रम के दौरान ही कैलीग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ तथा सर्वश्रेष्ठ कैलीग्राफी के लिए तीन पुरस्कार भी दिए गए.
विभाग में विशेष स्थान पाने वाले छात्रों,कार्यक्रम का संचालन करने वाले छात्रों तथा मारिया जी को उनके समग्र आयोजन के लिए दूतावास की ओर से प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए.पूरे कार्यक्रम में औपचारिक तथा अनौपचारिक रूप से हिन्दी सीखने वाले हंगरी निवासियों का उल्लास देखते ही बनता था.
समारोह में भारतीय तथा हंगरी के कला प्रेमियों की उपस्थिति उत्साहवर्धक रही.
सामूहिक भोज के साथ समारोह संपन्न हुआ. 

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