मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

ऐगैर

सिल्विअ सञि--
ऐगैर उत्तर हंगेरी के सब शहरों में से दूसरा बड़ा शहर है। इस नगर में कई ऐतिहासिक इमारतें और प्रसिद्ध संग्रहालय हैं। ऐगैर वाले लोग सोचते हैं कि इस शहर का नाम उन एगैर के पेड़ों के नाम पर पड़ा है जो ऐगैर की छोटी नदी के तट पर खड़े हैं। ऐगैर वाइन के कारण भी बहुत मशहूर है क्योंकि ऐगैर वाला बुलख़ून यहाँ बनता है।

ऐगैर के बीचों बीच एक महत्त्वपूर्ण क़िला है जिसपर सदियों पहले तुर्की सेनाओं ने हमला किया था। यह पत्थर से बनी इमारत है, जिसे सम्राट चौथा बेल ने बनवाया था। क़िले में दो संग्रहालय हैं। क़िले के सामने गेज़ गार्दोञि नामक एक मशहूर लेखक का घर है। ऐगैर में अनेक ऐतिहासिक तुर्की इमारतें हैं। उदाहरण के लिए मीनार और तुर्की हमाम हैं। यह मीनार यूरोप की सब से ऊँची मीनार हैं।  यह चालीस मीटर ऊँची है। अंदर ही अंदर उपर तक जाने के लिए चक्करदार सीढ़ियाँ हैं।
ऐगैर में एक बड़ा पार्क भी है। आम तौर पर ऐगैर के लोग यहाँ मनोरंजन करते हैं। चारों ओर पेड़ों से भरा,  हरी घास का सुंदर लॉन हैं। लोग यहाँ टहलते, किताब पढ़ते और दुनिया ज़माने की बाते करते हैं। बालक स्कूल के बाद इस पार्क में कसरत करते, टेनिस और  फ़ुटबाल खेलते हैं। पार्क के सामने मंच, स्विमिंग पूल और पुस्तकालय है। मंच पर गर्मियों में नाटक होते हैं। ऐगैर में दो बड़े लौह फाटक भी हैं जिन्हें एक लोहार हैनरिक फ़ज़ौल ने बनाया था। आश्चर्य की बात है की बात यह है कि लोहे के इन फ़ाटकों में ज़ंग नहीं लगता।
ऐगैर की छोटी नदी के पास ऐगैर का सब से बड़ा चौक है। इसका नाम दौबो चौक है। यहाँ दो बहुत प्रसिद्ध मूर्तियाँ हैं। दौबो चौक पर एक पुराना चर्च और अंधे पर्यटकों के लिए एक लौ नक्शा है। चर्च का नाम मिनौरिता है। इस चर्च में गर्मियों में हमेशा अनेक विवाह होते हैं। पर यह चर्च ऐगैर का सबसे बड़ा चर्च  नहीं है।
बज़िलिका मिनौरिता की तुलना में लगभग तीन गुना बड़ा है। यह एक पीली इमारत है जो उन्नीसवीं शती के प्रारंभिक दशकों से यहाँ खड़ी है। चर्च में दो लाट और एक गुम्बद है। यहाँ हमेशा बड़ी भीड़-भाड़ रहती है, क्योंकि लोग इस चर्च में स्तुति करते हैं। इसके सामने ऐगैर का विश्वविद्यालय है।
ऐगैर में कई प्रसिद्ध हंगेरीयन लोग,  उदाहरण के लिए गेज़ गार्दोञि, बालिंत बलश्शि एक महाकवि, इश्त्वान दौबो और शांदोर ब्रोदि लेखक भी रहते हैं।

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