मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

मेरी गर्मियाँ

रात्ज़ जूजा--
मैंने जुलाई में एक हफ़्ता अपने चचेरे भाई-बहनो के साथ बालाटोन झील के पास बिताया। हर दिन बालाटोन तट पर जाते थे, हमने पानी की साईकिल चलायी, ताश खेले और आराम किया। मेरे लिए यह हफ़्ता बहुत महँगा रहा क्योंकि बच्चों के लिए हमेशा कुछ चीज़ें खरीदनी होती थीं, जैसे पैनकेक या आईसक्रीम।
मैं अगस्त में अपने दोस्त के साथ गाड़ी से क्रोएशिया गयी। क्रोएशिया हंगरी के दक्षिण-पूर्व में बसा एक देश है। उसकी राजधानी ज़गरैब है।  देश का दक्षिणी और पश्चिमी किनारा एड्रियाटिक सागर से मिलता है। प्रतिदिन हम अलग कैंप में सोते थे। समुद्र तट के पास वाले कैंप बहुत सस्ते होते थे। क्रोएशिया में कई राष्ट्रीय पार्क हैं जिनमें हमने झरनों के अलावा अनेक प्रकार की चिड़ियाँ भी देखीं। हम दल्मातिआ तक गये, जो देश का महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक भाग है। उस क्षेत्र का केंद्र दुब्रोव्नीक है। दुब्रोव्नीक सातवीं शताब्दी में स्थापित किया गया था। उसमें दल्मातिअन शरणार्थियों  को आश्रय प्रदान किया गया था। आज भी शहर में कई पुरानी इमारतें हैं। दुनिया का सबसे पुराना अर्बोरेतुम पंद्रहवीं शताब्दी से वहाँ है। शहर की खारी में लोक्रुम नाम का जंगली द्वीप है जो एक राष्ट्रीय पार्क है, पर पर्यटक वहाँ नहीं जा सकते। दुब्रोव्निक की एक विशेषता इसकी किले जैसी दीवार है जो चारों और है। यह शहर की रक्षा करती थी। इस क्षेत्र का मौसम बहुत गरम है। हमने कुछ दिन समुद्र के तट पर बिताए।
क्रोएशिया के बाद मैं अपनी नानी के पास गयी ओर उनकी मदद करती थी।

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